Tuesday, March 20, 2012

पति-पत्नी का रिश्ता बंधा हो इस अटूट डोर से...


पति-पत्नी का रिश्ता अक्सर तब खटास पर आता है, जब वे एक-दूसरे की बजाय खुद के प्रति ज्यादा लगाव रखने लगते हैं। समर्पण का भाव सूखते ही प्रेम का पौधा मुरझाने लगता है। पति-पत्नी का रिश्ता समर्पण की डोर से बंधा होता है। पति, ऐसा हो जो पत्नी को अपने आधे शरीर की तरह माने, पत्नी वो जो पति के बिना खुद को अधूरा समझे। दोनों में एक-दूसरे पर न्योछावर होने का भाव हो। तनते रिश्ते और कम होते समर्पण से ही दाम्पत्य नर्क हो जाता है।
श्रीरामजी को वनवास जाना था। वे चाहते थे सीताजी माँ कौशल्या के पास रुक जाएं। सीताजी उनके साथ जाना चाहती थीं। कौशल्याजी भी चाहती थीं सीता न जाए। सास, बहू और बेटा, ऐसा त्रिकोण यहां पैदा हो गया था।



दुनिया में इस रिश्ते ने कई घर बना दिए और बिगाड़ दिए। लेकिन रामजी के धैर्य, सीताजी की समझ और कौशल्याजी की समझ ने रघुवंश का इतिहास बदल दिया। हमारे अवतारों की यह घटनाएं हमें अपने जीवन की छोटी-छोटी बातों में बड़े-बड़े संदेश दे जाती हैं। हमारे परिवारों में सास-बहू पति-पत्नी के संबंधों में जो विच्छेदन आता है उसका बड़ा मनोवैज्ञानिक संकेत है।



जब कोई किसी परिवार में किसी पर निर्भर होता है तो परिवार के सदस्य को लगता है कि हम उसकी जरूरत पूरी कर रहे हैं। माँ-बाप बच्चों को जब बड़ा करते हैं तो वे इसलिए प्रसन्न रहते हैं कि बच्चे उन पर निर्भर हैं। जैसे ही बच्चे बड़े हो जाते हैं तो वे अपना काम खुद करने लगते हैं। उनका अपना संसार बस जाता है, अब वो माँ-बाप पर निर्भर नहीं हैं। तब एक मनोवैज्ञानिक भीतरी अन्त:विरोध शुरू होता है।



सास-बहू के झगड़े का एक कारण यह भी होता है कि सास सोचती है कि इस बेटे को जो सदा से मेरे ऊपर निर्भर था, मुझे उसे बुद्धिमान बनाने में २५ साल लगे और इस नई औरत ने पांच मिनट में उसको बुद्धू बना दिया। जो बेटा सदा से मुझ पर निर्भर था वह आज इस पर निर्भर हो गया। यही हाल पति-पत्नी के होते हैं। वह भी एक-दूसरे को एक-दूसरे पर निर्भर करना चाहते हैं। दाम्पत्य का आधार प्रेम होना चाहिए।



हम पहले भी यह बात कर चुके हैं कि जिस परिवार के केन्द्र में प्रेम होगा वह परिवार फिर अहंकाररहित होगा उसमें बड़ा-छोटा, तेरा-मेरा नहीं होता और इसलिए विरोध की संभावना समाप्त हो जाती है।

Saturday, March 17, 2012

सनी लियोन कर चुकी है शादी: देखिए फोटो

भारतीय पुरुषों के फैंटेसी को नए आयाम देने वाली सनी लियोन के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि वह मैरेड है। पिछले दिनों जब वह मुंबई एयरपोर्ट पर अपने पति डेनियल वेबर के साथ उतरी तो लोग आश्‍चर्यचकित रह गए। क्‍योंकि इससे पहले सनी लियोन ने इस बात का खुलासा नहीं किया था। सनी यूं तो बहुत लोगों को डेट कर चुकी है। लेकिन जब उन्‍होनें डेनियल वेबर को डेट किया था तो इंप्रेस नहीं हुई थी। लेकिन जब डेनियल ने उनके होटल के कमरे में जब 24 गुलाब का बुके भेजा तो सनी इंप्रेस हो गई और उन्‍होंने शादी करने का फैसला कर लिया। फिलहाल सनी अपने पति और अपनी प्‍यारी बिल्‍ली के साथ कैलिफोर्निया में रहती हैं। सनी का कहना है कि हर जन्‍म में वह डेनियल के साथ ही शादी करना पसंद करेंगी।

Friday, March 9, 2012

वैवाहिक जीवन में जरूरी हैं पति-पत्नी के बीच ये तीन बातें होना...

पति-पत्नी में छुटपुट झगड़े आम बात हैं, ये जरूरी भी होते हैं रिश्ते की ताजगी के लिए। लेकिन अक्सर छोटी-छोटी बातें बड़ा रूप ले लेती हैं और गृहस्थी नर्क लगने लगती है। वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी का आपसी तालमेल बहुत जरूरी होता है। ये ऐसे नहीं बनता, इसके लिए तीन चीजों की जरूरत होती है। पहला एक-दूसरे के प्रति सम्मान, दूसरा आपसी विश्वास और तीसरा एक दूसरे के प्रति निष्ठा। इन तीनों में से एक भी बात नदारद हो तो गृहस्थी बिखरने में देर नहीं लगेगी।

भावगत में राजा ययाति की कथा आती है। ययाति ने एक बार अपनी पत्नी का विश्वास तोड़ा और गृहस्थी, बिखर गई, ययाति को शाप झेलना पड़ा, माफी मांगनी पड़ी। ययाति बड़े प्रतापी राजा थे। उनका विवाह दैत्य गुरु शुक्राचार्य की बेटी देवयानी से हुआ था। एक शर्त के तहत दैत्यों की राजकुमारी शर्मिष्ठा उसके साथ दासी रूप में आई थी। शुक्राचार्य ने ययाति से वचन लिया था कि वो कभी देवयानी के अलावा किसी अन्य स्त्री से संबंध नहीं रखेगा। ययाति ने बात भी मान ली।

देवयानी गर्भवती हुई तो शर्मिष्ठा जो उसके महल के पीछे कुटिया में रहती थी, उसे ईष्र्या होने लगी। उसने ययाति को अपने रूप जाल में फांस लिया। ययाति भी शुक्राचार्य को दिया गया वचन भूल गए और शर्मिष्ठा से संबंध स्थापित हो गए। पति-पत्नी के बीच आपसी निष्ठा और विश्वास खत्म हो गया। एक दिन देवयानी को ये बात पता चल गई। वो ययाति को छोड़ शुक्राचार्य के पास आ गई। शुक्राचार्य ने ययाति के भ्रष्ट आचरण की बात सुन उसे शाप दे दिया कि वो युवा अवस्था में ही वृद्ध हो जाए।

ययाति ने अपने किए की क्षमा मांगी। बहुत गिड़गिड़ाए तो शुक्राचार्य ने उसे शाप से मुक्ति का तरीका बता दिया। फिर भी वैवाहिक जीवन का सुख, विश्वास और सम्मान ययाति ने अपनी पत्नी की नजर में खो दिया। ऐसा अक्सर कई गृहस्थियों में होता है। पति-पत्नी आपसी विश्वास कायम नहीं रख पाते।